लेखनी कहानी -25-Jan-2022
एक श्राप
भाग- 3
धीरज बाहर निकल कर आता है, क्या हुआ क्या शोर है ये? कोई आया है ? सरपंच बोले पायल है सरकार जाने दो। जाने दो अरे नहीं! बुलाए उसे प्लीज मेरे लिए बुलाए। सरपंच कहते हैं आजा बता लेकिन सुन मक्कारी नहीं, जो बताये सच बताना, अच्छा खाना मिलेगा, वो धीरज को देख कर उसे प्यार से छूने लगती है, सरपंच हाथ झटक देता है देख पागल हद में रह, अभी निकाल बाहर करूँगा। धीरज बोलाko प्लीज सरपंच जी हमारी दादी की उम्र की है नहीं कुछ मत कहो, पता नहीं धीरज उसके लिए भावुक क्यूँ हुआ। वो अचानक धीरज के घर के नाम से उसे पुकारने लगी। चीकू धीरज आश्चर्यजनक तरीके से उसे देखता है, ये क्या इसने मुझे मेरे निक नेम से बुलाया। कौन हो आप अम्मा, वो उसे देख कर रोने लगती है बेटा मैं तुझे जानती हूं गोद में खिलाया है तेरी दायी जिसने तुझे पैदा करने में मदद की, और तेरी दादी की सहेली भी। अरे वाह फिर तो तुम्हें दादी ही बोलता हूँ। दादी का तो कुछ याद नहीं कैसी थी।अच्छा सुनो दादी अपने पोते की एक कहानी लिखने में मदद कर दो। फिर मेरे साथ मेरे ही घर चलना। वो चिल्लाती हुई भागती है भूत बंगला भेड़िये
भेड़िये। वहाँ सारे आदमी भेड़िये! वो उनके पीछे भागता है सुनो दादी तुम्हें जो पता है बताती क्यूँ नहीं, किसी की जान बचाने के लिए ही सही बता दो। वो सड़क पर बैठ कर रोने लगती है उस भेड़िये ने तेरी दादी की जान ली बेटा मेरी आँखों के सामने। और जानता है वो भेड़िया था कौन खुद तेरे दादा का भाई । और तेरा दादा देखता रहा गोली ना चली उससे वो जोर जोर से रोने लगी, धीरज बोला दादी सुनो वो भेड़िया उनका ही भाई रहा होगा ना तो कैसे कर पाते। अरे उस नीच की वज़ह से ये श्राप आया तुम्हारे खानदान में। एक जादूगरनी के प्यार में था, और जानता है वो थी तेरे ही दादाजी की प्रेमिका तेरे दादा ने उसे छोड़ घर की परंपरा और बड़ो की खातिर उसे छोड़ा और उसने बदले में तेरे दादा के छोटे भाई को अपने जाल में फंसाया, काला जादू जानती थी। तेरे दादा के भाई की उनकी कहानी नहीं पता थी उसका सपना था तुम्हारे खानदान की छोटी बहू बनने का जो वो किसी भी हाल में पूरा करना चाहती थी। एक बार तेरे दादा को पता चला उनका छोटा भाई उसके साथ है। तो घर आने पर उन्होंने अपने छोटे भाई से बात की उसे सच बताया छोटा भाई बहुत नाराज लेकिन कहीं ना कहीं समझ रहा था के ये लड़की मुझे क्यूँ चाहेगी। तो वो भी अपने खानदान की इज़्ज़त के लिए उस लड़की से दूरी बनाने लगा, वो जादूगरनी समझ गई कुछ गडबड है तो उसने उसे अपने पास बुलाया कहा जरूरी काम है। और उसे कुछ नशे का देकर वहीँ सुला लिया फिर रात 12 बजे बाद एक भेड़िये की बलि देकर उसी के खून से नहलाया। और कुछ तो ऐसा जादू किया के वो हर रात 12 बजे के बाद भेड़िया बन जाता। वो पहली ही रात जब भेड़िया बना हर बात से अंजान अपने कमरे में सो रहा था। तेरी दादी रोज की तरह दूध लेकर गई वो चिल्ला रहा था। जैसे बैचैनी हो रही हो भईया भईया मुझे कुछ हो रहा है। वो घबराई सुनो सुनो मैं और तेरे दादा भाग कर आए तेरे दादा हमेशा एक छोटी बंदूक साथ रखते जैसे ही हम वहां पहुंचे उसने नुकीले पंजे से तेरी दादी की गर्दन चिर थी और खिड़की से भाग गया शायद हल्का सा होश हो उसे के ये उसके घरवाले है, तेरा दादा देखता रहा तेरी दादी ने मेरी गोद में दम तोड़ा रे कैसे भूल जाऊँ। इस राज के भेदी सिर्फ तेरे दादा और में ही थे, दादा ने कसम दी सुनो अपनी मालकिन अपनी दोस्त के वास्ते ये बात बाहर मत कहना। तबसे चुप हूँ बेटा अगले दिन जब होश आने पर तेरा दादा घर आया और मातम देख तेरी दादी के पैरों पर गिर पड़ा तेरे दादा ने कहा क्या हुआ कैसे हुआ नहीं जानना पर सुन तू सामने रहा तो इस बार जरूर गोली चला दूँगा। तबसे तेरा छोटा दादा कहा कैसा है कुछ नहीं पता। उसे ढूंढ सारे काम आसान हो जाएंगे, और सुन मैं जानती हूं वो श्राप पूरी पीढ़ी को लगा था उसके बाद से तो तू भी रह चुका होगा। क्या तेरे बेटे के साथ वो फूट फूट कर रोने लगता है दादी मेरा श्राप मेरे भतीजे को कुछ तो रास्ता दिखाओ। 18 साल का मासूम बच्चा है, बुढ़िया आँखों में आँसू भरी कुछ सोच रही होती है।
आगे की कहानी अगले भाग में।
धन्यवाद।
kapil sharma
25-Jan-2022 11:50 PM
नेक्स्ट पार्ट जल्दी लाये मैंम
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Aliya khan
25-Jan-2022 11:49 PM
अच्छी कहानी है
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